उम्मीदो के पुलिन्दे बन्ध हम अपने सफ़र को निकले, उम्मीदो के पुलिन्दे बन्ध हम अपने सफ़र को निकले, आगे बड़े तो पता चला, राह तले ज़मीन हि ना थि कभी.